शिमला। खाद्य आपूर्ति निगम की ओर से 99 लाख करोड़ लीटर सरसों के तेल का मूल्याकंन जारी किया गया है। एक सप्ताह के अंदर प्रदेश का राशन डिस्पेंसर में सरसों के तेल की आपूर्ति पहुंच जाएगी। प्रदेश के राशन गोदामों में पांच फरवरी तक सरसों के तेल की खदान पहुंच जाएगी। राशनकार्ड किताबों को फरवरी माह में तीन महीने के लिए सरसों तेल का कोटा एक साथ मिलेगा। खाद्य आपूर्ति निगम ने तेल के टेंडर फाइनल कर सुपरमार्केट को बेच दिया है। चार बार के टेंडर रद्द होने के बाद पांच बार के तेल का टेंडर फाइनल हुआ। तीन महीने से चिप्स में तेल नहीं मिला। एपीएल और बीपीएल परिवारों का सरसों का तेल 146 और आय करदाताओं को 153 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिक रहा है, जबकि बाजार में अभी 160 से 170 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से सरसों का तेल बिक रहा है। प्रदेश के राशन डिस्पेंस में पर्यटकों को जरूरत के हिसाब से सरसों का तेल उपलब्ध है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन के लिए शादी और अन्य समारोहों का कार्ड दिखाना अनिवार्य है। इसके लिए पहले लोगों से डिपाजिट सामान खरीदा जाता है। खाद्य आपूर्ति निगम के बाद जल्द ही कच्चे तेल का टेंडर किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में करीब साढ़े 19 लाख राशनकार्ड परिवार हैं। राशन में डिपोजिट ऑयल का फरवरी से पहला सप्ताह शुरू हो जाएगा। गौर हो कि प्रदेश सरकार तीन दालें, जिसमें मलका, मैश और दाल चना, दो लीटर तेल का आटा और सरसों के अलावा चीनी और एक किलो नमक की सब्सिडी पर दिया जा रहा है, जबकि केंद्र सरकार की ओर से सामग्री और चावल उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश सरकार की ओर से आटे का करवा उपलब्ध कराया जा रहा है। खाद्य आपूर्ति निगम के निदेशक राजेश्वर गोयल का कहना है कि सरसों के तेल का पासपोर्ट स्टॉक में बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि राशन डिपोजिट में तीन महीने का सरसों तेल का कोटा फरवरी महीने में एक साथ मिलेगा।
