काँगड़ा। हिमाचल प्रदेश के लोहिया जिले से संबंध बनाए रखने वाले बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद मनोचिकित्सन कपूर का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। बता दें कि शनिवार देर शाम उनका पार्थिव देह दादू लाया गया था। वहीं आज सुबह उनके पौराणिक गांव खनियारा के पाटोला मैदान में पार्थिव देह के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया।
बेटे शाश्वत ने दी मुखाग्नि
इस मौसिकी पर उनके समर्थक और शुभचिंतक बड़ी संख्या में मौजूद हैं। इसके बाद, परमाणु बम स्थित श्मशान घाट पर उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके बेटे शाश्वत ने उन्हें मुखाग्नि दी। बता दें कि 2 दिन पहले ही किशन कपूर के जीजा की मौत हो गई थी और अब उनके जाने से परिवार गहरे दुख में है।
शव यात्रा में वरिष्ठ नेता शामिल हुए
पूर्व मंत्री और सांसद किशन कपूर की शव यात्रा में प्रदेश के कई प्रमुख नेता शामिल हुए। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल, भाजपा महामंत्री त्रिलोक कपूर, हमीरपुर से पूर्व सांसद सुरेश चंदेल, पूर्व मंत्री रमेश धवाला, पूर्व मंत्री रविंद्र सिंह रवि, विधायक पवन काजल, विधायक सुधीर शर्मा, विधायक जनक राज, विधायक रणवीर सिंह निक्के, पूर्व विधायक रीता धीरेन, धर्मशाला नगर निगम के मेयर नीनू शर्मा, पूर्व मेयर मंडल जग्गी सहित कई अन्य भाजपा नेता मौजूद रहे।
चंडीगढ़ में ली अंतिम सांस
पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता किशन कपूर का शनिवार सुबह चंडीगढ़ में निधन हो गया। 73 साल की उम्र में उन्होंने ब्रेन हैमरेज़ के कारण अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। किशन कपूर का जन्म 25 जून 1951 को धर्मशाला के खनियारा गांव में हुआ था। उन्होंने तीन बार राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री, एक बार मुस्लिम समुदाय और पांच बार के धर्मशाला क्षेत्र से विधायक के रूप में कार्य किया।
कैसे शुरू हुआ बिज़नेस
किशन कपूर ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत युवा अवस्था में की थी। वह 1970 में जनसंघ और जनता पार्टी के सदस्य बने और 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के समय सक्रिय रूप से शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने 1985 में बीजेपी के टिकट पर धर्मशाला क्षेत्र से अपनी पहली सूची जंग लड़की थी। वे लगातार पांच बार विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए और तीन बार मंत्री पद पर रहे।
सरकार में रह रहे मंत्री
किशन कपूर ने हिमाचल प्रदेश सरकार में खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले में मंत्रालय का पद संभाला। इसके अलावा उन्होंने उद्योग, परिवहन, नगर गाडी, शहरी विकास जैसे महत्वपूर्ण योगदान का भी नेतृत्व किया। वे अर्थशास्त्री ठाकुर की सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में थे और इस दौरान जगत लाइट आर्किटेक्चर अपने सहयोगी के साथ रहे।
राजनीतिक यात्रा की प्रमुख घटनाएँ
– 1970: जनसंघ और जनता पार्टी के सदस्य बने।
– 1980: भाजपा की स्थापना के दौरान सक्रिय भूमिका प्रमुख रही।
– 1985-1993: धर्मशाला सीट से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में तीन बार जीत हासिल की।
– 1993-1997: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मुख्य पर्यवेक्षक के रूप में कार्य किया।
– 1998: तीन बार विधायक बनने के बाद, उन्होंने ट्रांसपोर्ट, जनजातीय विकास, मिशेल और कानून मंत्री के रूप में शपथ ली।
– 2003 और 2012 के चुनावों में हार के बावजूद उन्होंने बीजेपी में अलग-अलग अहम जिम्मेदारियां निभाईं।
– 2017 में पांचवीं बार नेता चुने गए और खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री बने।
– 2019 में समाजवादी पार्टी की ओर से सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत के साथ जीत दर्ज की गई।